जब याद करबो तब्बही डगुरके भेटकरे अइबु मइ ।यी हो दोसर गजल हमार म्यासेज बक्सा मा अईल बा यी हप्तके लिस्टमा |बलराम जुत्कही (धर्मापुर, कैलाली
बलराम जुत्कही (धर्मापुर, कैलाली)
थारु साहित्य हमार पहिचान
जब याद करबो तब्बही डगुरके भेटकरे अइबु मइ ।
तोहर आउर मोर प्यारके गाना लिख्के गइबु मइ ।।
बाइक नाइ रही तो सइकल मे तुहिन बैठाके ।
जहाँ फे जइना हुइ सँग-सँगे तोहरसँग जइबु मइ ।।
धनी तो नाइ हु अउरे जनहन हस तबुनफेन ।
तीत मीठ करकेे खाना खवइबु ओ खइबु मइ ।।
अपन दिलके मन्दिर भित्तर हरपल एकदम से ।
हुकहिन सजाके हरेक कोना काप्चामे धइबु मइ ।।
अस्तेक रोजाना हस्ती खेल्ती दिन कतइती ।
जिन्दगी जैसिक तैसिक जिती माया लइबु मइ ।।