कहासम मुतु पिघ्लउँ तुहाँ पत्थरके दिलबा


पत्थरके दिलबा

कहासम मुतु पिघ्लउँ तुहाँ पत्थरके दिलबा
नजर मिलाइ खोज्नु तुहिसे नफ्रात किलबा


अब कैसिक सम्झउँ अपन आभगि मनहे
जट्न दुर जाउ मोर मन तोहार थन गिलबा