एक देशक प्रार्णी हुईती भाषा फरक छैला
मस्तैला भाटुँ
प्रेम राज मुस्कान
टिकापुर१टिकापुर
एक देशक प्रार्णी हुईती भाषा फरक छैला !!
अठन्नी चवन्नी चल्न देश पैसा फरक छैला !
रिति ब परिस्थिति सब गाउँ घर समाज म !!
चल्न म्वार घरदैलोक तमासा फरक छैला !
करम दिल से माया जात न भात हेर्क मैत !!
छुवाछूत निहो फे घर्के संघर्षा फरक छैला !
मन से चहाल सपान पूरा हुईत कि कैका !!
सोच्टी रातदिन फे हमार वर्षा फरक छैला !
सब ठोक तुहार हो छुटात कि कठु नाता !!
बिग्रलेसे मुना दिनक जिज्ञासा फरक छैला !